Tomato Grafting in Southeast Asia : वर्षा ऋतू उत्पादन के लिए एक उपयोगी तकनीक

Tomato Grafting in Southeast Asia

Tomato Grafting in Southeast Asia : दक्षिण पूर्व एशिया के गर्म और आद्र मॉनसूनी बरसात के मौसम में टमाटर उगाना मुश्किल होता है। जल भराव वाली मिटटी का संयोजन, रोग का बढ़ता दबाव और उच्च तापमान अक्सर युवा टमाटर के प्रत्यारोपण को मार देते हैं या पैदावर को काफी कम क्र देते हैं। मूल रूप से दक्षिण अमेरिका से शुरू की गयी फसल के रूप में टमाटर सभी दक्षिण पूर्व एशियाई जलवायु और मिटटी के अनुकूल नहीं है और इस क्षेत्र की गीली परिस्तिथियों में उत्पादन करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं (बाज़ार में पाए जाने वाले और बरसात के मौसम में रेस्ट्रॉं और होटलों द्वारा उपयोग किये जाने वाले कई टमाटर आयात किये जाते हैं या ग्रीन हाउस में उगाये जाते हैं जिनकी कीमत बहुत अधिक होती है। यह किसी भी स्थानीय किसान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है जो इस “बेमौसम की बरसात” के दौरान सफलता पूर्वक बाज़ारों में उत्पादन करने में सक्षम है। जबकि ऊंची उठी हुई क्यारियों पर या वर्षा आश्रय में टमाटर उगाना आम बात हो गई है, ग्राफ्टिंग एक अतिरिक्त उपकरण है जिसका उपयोग किसानों द्वारा बेहतर मुनाफे के अंतर के साथ टमाटर का उत्पादन करने के लिए कर सकते हैं।

शर्तें और परिभाषाएं

केम्बियम की परत – तने का वह भाग जहाँ पर संवाहन तंत्र बना होता है। ग्राफ्टिंग के दौरान, इस परत को नयी टहनी तथा मूल के बीच पंक्ति बद्ध किया जाना चाहिए ताकि तंत्र एक दुसरे से फिर से जुड़ सके।

कलम को जोड़ना – वह बिंदु जिस पर स्काइयोंन और रुट स्टॉक जुड़ गए हैं, वहां पर एक संवहनी कनेक्शन बनाया जाता है।

रूटस्टॉक – (ग्राफ्ट) कलम का निचला या फिर ज़मीन के नीचे का भाग। अक्सर स्थानीय मिटटी और बढ़ती परिस्तिथियों के अनुकूल होने के लिए चुना जाता है (उदहारण: बाद की मिटटी)

नयी टहनी – उत्पादन के लिए वांछित जीन, या विशेषताओं वाले पौधे का ऊपरी भाग (उदहारण: फल, आकार, स्वाद, रोग, प्रतिरोध, आदि।)

संवाहन तंत्र – जड़ों और पत्तियों के बीच जल और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए आवश्यक पौधों के ऊतकों का संग्रह।

स्थानीय रूप से अनुकूलित बैंगन के मूलवृंत पर टमाटर को ग्राफ्ट करना

ग्राफ्टिंग बाजार में बैंगन के चयनित रूटस्टॉक्स पर टमाटर के टुकड़ों की मांग की को कि एशिया की मूल फसल है, हम बाढ़, बैक्टीरियल विल्ट, फुसैरियम विल्ट, रुट नॉट नेमाटोड (जड़ों की गाँठ में रहने वाले सूत्रकृमि) के लिए बैंगन के प्रतिरोध का लाभ उठा सकते हैं। अंत में ग्राफ्टेड पौधे कलम व मूलवृंत दोनों के पौधों से प्राप्त लाभकारी लक्षणों को समावेशित करेंगे। यह प्रक्रिया काफी सस्ती है तथा इसके बारे में जानकारी की भी अधिक आवश्यकता नहीं है। जिसकी वजह से यह किसी भी प्रकार के खेतों के लिए एक लाभकारी विकल्प है। ध्यान दें कि टमाटर (सोलेनम लाइकोपरसिकम) और बैंगन (सोलेनम मेलनजिना) एक ही वानस्पतिक परिवार, सोलनेसी के सदस्य हैं, जो उन्हें एक दुसरे के अनुकूल बनाते हैं। टमाटर अन्य टमाटरों की किस्मों के साथ-साथ इस परिवार की अन्य प्रजातियों के साथ संगत ग्राफ्टिंग को क्षमता भी प्रदान करते हैं।

टमाटर के पौधों की सफलतापूर्वक ग्राफ्टिंग में ३ प्रमुख चरण शामिल है

कलम लगाने से पूर्व: ग्राफ्टिंग साइट, उपकरण और आपूर्ति, और स्वस्थ स्कॉन और रुटस्टॉक रोपण से ग्राफ्टिंग को इकठ्ठा करते हैं।

पोस्ट ग्राफ्टिंग पौधों को खेत में रोपण से पहले बढ़ने दिया जाता है। बीज बोन से लेकर खेत में रोपण तक की पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग ५ सप्ताह लगते हैं। (चित्र २ पृष्ट ५)

यह लेख कम्बोडिया में में छोटे जोत वाले किसानों के अनुभवों के आधार पर फांक बनाकर ग्राफ्टिंग करने की बुनियादी तकनीकों का परिचय देता है।

कलम तथा मूलवृंत से अंकुर तैयार करना

एक्सफॉल ग्राफ्ट यूनियन बनाने के लिए, मूलवृंत और कलम का केंबियम अच्छी तरह से संरेखित होना चाहिए और एक दुसरे के संपर्क में होना चाहिए। इसलिए ग्राफ्टिंग के समय स्कॉन (कलम) और रुटस्टॉक (मूलवृंत के पौधों की टहनी का व्यास समान होना चाहिए (चित्र ५)। हांलांकि, कलम और मूलवृंत एक ही दर से अंकुरित या विकसित नहीं हो सकते हैं। अपने वातावरण में रूटस्टॉक और स्कॉन पौधों की वृद्वि दर निर्धारित करने के लिए प्रारंभिक परिक्षण करें। परिणामों के आधार पर, स्कॉन और रूटस्टॉक दोनों ही किस्मों को रोपें ताकि वे १४-२१ दिनों में ग्राफ्टिंग के लिए तैयार हो जाएं। हमारे अनुभव में, टमाटर स्कॉन को बैंगन के रूटस्टॉक पर ग्राफ्ट करना, टमाटर से २-४ दिन पहले बैंगन को बोना समान व्यास वाले टेहने प्राप्त करता है। आवश्यकता से अधिक पौधों ताकि आपके पास तेहने के व्यास के मिलान के लिए अधिक विकल्प हों। १००% ग्राफ्ट उत्तरजीविता दुर्लभ है, इसलिए कुछ ग्राफ्ट विफलता के लिए कहते में अतिरिक्त पौधों को ग्राफ्ट करने की हमेशा सिफारिश की जाती है।

1.मूलवृन्त की तैयारी

टमाटर के बीज अंकुरित होने और अंकुर फूटने के बाद, ग्राफ्टिंग के लिए सबसे स्वस्थ नमूनों का चयन करना सुनिश्चित करें, प्रत्येक में २-४ पत्ते भी लगें हों ( चित्र ३, पृष्ट ७)। एक समान तने के व्यास वाले मूलवृंत और कलम रोपण का उपयोग ग्राफ्ट को जोड़ने में ( वस्कुलचर) मदद करेगा (चित्र ३ और ४)। एक क्षैतिज कट के साथ रूटस्टॉक अंकुर के ऊपरी भाग को हटा दें। मूलवृंत के शीर्ष को हटा दिया गया है और अब केवल तना बचा है (चित्र ५ और ६)।

क्लिप का उपयोग ग्राफ्ट को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। यदि स्वयं निर्मित प्लास्टिक तुबे का उपयोग कर रहे, तो इसे काटने के तुरंत बाद रूटस्टॉक के तने के शेष भाग पर रखें और इसे मिटटी की रेखा पर नीचे की ओर स्लाइड करें (चित्र ७)।

2.कलम को बनाने की तैयारी

लम से बने अंकुर के निचले हिस्से को दो कटों की सहायता से हटा दें। पहले कट के साथ कलम की जड़ को निकल दें। दुसरे कट को उस बिंदु पर बनाएं जहाँ कलम का व्यास मूलवृंत के व्यास से निकटता से मेल खाता हो (चित्र ९)।

पानी की कमी को कम करने में मदद के लिए कुछ कलम की पत्तियों को काट दें। केवल एक या दो छोटे पत्ते छोड़ दें (चित्र १०)।

3.कलम और मूलवृंत को एक साथ जोड़ें

कलम के खूंटे के सिरे को द्वी भाजित मूलवृंत में डालें (चित्र १२)।

प्लास्टिक की विकल्प को मूलवृंत के आधार से ऊपर की ओर स्लाइड करें और क्लिप को ग्राफ्ट के जोड़ने वाले स्थान के पास रखें। एक सर्व-नीर्मित ट्यूब क्लिप चित्र १३ में दिखाया गया है।

यदि एक व्यावसायिक ग्राफ्टिंग क्लिप का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे इस समय ग्राफ्ट यूनियन पर लागू करें।

4.ग्राफ्टेड पौधे की देखभाल

ग्राफ्टिंग के बाद जितनी जल्दी हो सके नए ग्राफ्टेड पौधों को उपचार कक्ष में रखें (चित्र १४, पृष्ट ८)। एक उपचार कक्ष एक ढंका हुआ ढांचा होता है जिसे उच्च आद्रता से बनाय रखने और गर्मी के निर्माण को कम करने के लिए तथा प्रकाश की तीव्रता को भी कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे ग्राफ्ट किये हुए पौधे जल्दी ठीक हो जाते हैं (चित्र १५)। हीलिंग चैम्बर का प्राथमिक उद्देश्य कलम से पानी की कमी को कम करना है।

चैम्बर के फर्श पर रखे जल से भरे बर्तन या जलाशय से वाष्पित पानी को एक साफ़ प्लास्टिक की शीट से ढँक कर नमी को बनाये रखा जाता है। प्रकाश के प्रवेश को कम करने के लिए कक्ष को काळा प्लास्टिक से ढंका गया है। शीर्ष पर छाया जाल का उपयोग प्रकाश को कम करने हुए अच्छे वायु परिसंचरण की अनुमति देने के लिए भी किया जा सकता है। छाया जाल को जोड़कर या हटाकर आवश्यकता अनुसार प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित किया जा सकता है। कक्ष को प्राकृतिक छाया में रखने से कृतिम छायांकन की आवश्यकता भी कम हो सकती है। हीलिंग चैम्बर का आकार और डिज़ाइन ग्राफ्टेड पौधों के उत्पादन के पैमाने पर निर्भर करता है। एक छोटा खेत या घर का माली एक फ्लैट अंकुर, एक प्लास्टिक प्रसार गुम्बद, एक प्लास्टिक बैग या यहाँ तक कि एक छोटा उपचार कक्ष बना सकता है। ग्राफ्टिंग के बाद पहले हफ्ते के दौरान, कलम मूलवृंत से जल प्राप्त करने में असमर्थ होती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि कलम से जल की हानि को रोकने के लिए उचित पर्यावरणीय परिस्थितियों को बनाये रखा जाये और ग्राफ्ट के गठन को तेज़ी से बढ़ावा दिया जाये।

5.खेत में प्रत्यारोपण

हालाँकि (स्कॉन और रूटस्टॉक) कलम और मूलवृंत लगभग ७ दिनों में संवहिनी सम्बन्ध स्थापित करते हैं, लेकिन संघ को पूरी तरह से ठीक होने में ग्राफ्टिंग से १४ दिन तक का समय लग सकता है (चित्र १६)।

उपचार कक्ष से पौधों को हटाने के बाद, उन्हें खेत में रोपाई से पहले ५-७ दिनों के लिए हवा से सुरक्षित छायांकन स्थान पर जमने दें। रोपाई से पहले उन्हें कुछ घंटों के लिए सीडी धुप में रखना भी उपयोगी होता है। यदि आवश्यक हो तो इस अनुसूची को समायोजित करें ताकि पौधों को खेतों में लगाने के बाद, खेत के वातावरण में किसी प्रकार की परेशानी अनुभव न हो।

रोपाई करते समय सुनिश्चित करें कि ग्राफ्ट संघ मिटटी की रेखा के ऊपर रहता है (चित्र १७)। यदि यूनियन संघ को मिटटी में दबा दिया जायेगा, तो कलम में जड़ निकल आएगी और मूलवृंत द्वारा प्रदान किये गए किसी भी प्रकार का लाभ, जैसे कि मिटटी से पैदा होने वाली बिमारियों से प्रतिरोध, शून्य हो जायेगा।एक बार ग्राफ्ट किया गया पौधा खेत में स्थापित हो जाता है और बढ़ने लगता है, तो मूलवृंत पर किसी भी प्रकार का अन्य चूषक की जांच करें और हटा दें। कलम पर विकसित होने वाली अपस्थानिक जड़ों को भी हटा दें।

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