Kiwi Farming In India : भारत में कीवी की खेती व्यापारिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण खेती है। बाज़ार में कीवी के फल की अच्छी कीमत मिलने के कारण इसकी खेती करने वाले किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कीवी का फल अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के लिए भी जाना जाता है। कीवी एक विदेशी फल है, इसके फल में भरपूर मात्रा में विटमिन सी, विटमिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम और एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों की वजह से कीवी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ कई बीमारियों में फायदेमंद है।
कीवी के फल को लोग डेंगू के इलाज के लिए कारगार मानते हैं। इसके फल में मौजूद गुणों की वजह से देश और दुनिया में इसकी बहुत ज्यादा मांग है। इसकी बढ़ती मांग के कारण भारत में भी इसकी बागवानी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। किसान भाईयों आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कीवी की खेती/ कीवी की बागवानी के बारे में।
कीवी फल खाने के फायदे
कीवी फल का सेवन करने के कई फायदे हैं, डॉक्टर भी इस फल को खाने की सलाह देते हैं। इस वजह से बड़े शहरों में इस फल की मांग हमेशा बनी रहती है। कीवी फल की कीमत ज्यादा होने के बावजूद भी यह बाज़ार में काफी बिकता है।
- कीवी में विटामिन सी, विटामिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम और एंटी ऑक्सीडेंट अच्छी मात्रा में पाई जाती है।
- कीवी फल में संतरे से 5 गुना ज्यादा विटामिन सी की मात्रा होती है।
- कीवी में मौजूद विटामिन सी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
- डेंगू के बुखार में इस फल की मांग और ज्यादा बढ़ जाती हैं।
- कीवी फल के सेवन से आपका सोंदर्य भी निखरता है। इसके सेवन से त्वचा की चमक बढ़ती है और मुहांसो से छुटकारा मिलता है।
- कीवी के फल का सेवन करने से आपके बाल भी स्वास्थ्य बने रहते हैं, बालों का झड़ना कम होता है और चमक बढ़ती है।
भारत में कीवी की खेती करने वाले प्रमुख राज्य
कीवी मुख्य रुप से चीन का फल हैं, इसीलिए इसकों चाइनीज गूजबैरी भी कहा जाता हैं। भारत में कीवी की खेती (kiwi ki kheti) करने वाले प्रमुख राज्यों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश और मेघालय हैं। विदेशों में भी कीवी की खेती न्यूजीलैंड, इटली, अमेरिका, चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, चिली और स्पेन में बड़े पैमाने पर की जाती है।
कीवी की उन्नत किस्में
कीवी की उन्नत किस्मों में मुख्य रूप से हेवर्ड, एलीसन, टुमयूरी, एबॉट, मोंटी, ब्रूनो नाम की प्रजातियों की खेती की जाती है, लेकिन भारत में सबसे ज्यादा मांग कीवी की हेवर्ड किस्म की होती हैं।
कीवी की खेती करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
किसान भाइयों कीवी की खेती करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के इस लेख के माध्यम से कीवी की खेती करते समय ध्यान रखने वाली मुख्य बातों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कीवी की खेती के लिए जनवरी का महीना सबसे अच्छा होता है। कीवी के लिए खेती के लिए ऐसे क्षेत्र उपयुक्त होते हैं जिनकी समुद्र तल से ऊंचाई 1000 से 2000 मीटर के बीच की हो। कीवी की खेती में ठंडी जलवायु लाभदायक होती हैं और गर्म व तेज हवा कीवी की खेती करने के लिए नुकसानदायक होती है। पौधे का रोपण करते समय तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। वहीँ गर्मी के मौसम में 30 डिग्री से ज्यादा तापमान नहीं होना चाहिए। कीवी के पौधे में फल आने के समय तापमान 5 से 7 डीग्री के बीच का होना आवश्यक है।
कीवी की खेती करने के लिए गहरी दोमट मिट्टी व हलकी अम्लीय मिट्टी उपयुक्त होती है। पौधा रोपण करने से पूर्व मिट्टी के PH मान की जांच अवश्य करा लें। कीवी की खेती के लिए मिट्टी का Ph मान 5 से 6 तक का होना चाहिए। कीवी के पेड़ की कलम लगाने के लिए बालू, सड़ी खाद, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा और कोयले का चूरा 2:2:1:1 के अनुपात में मिलाना उचित रहता है।
कीवी की खेती : पौध कैसे तैयार करें?
कीवी की खेती में पौध सामानतयः तीन तरह से तैयार कर सकते है
बडिंग विधि
ग्राफ्टिंग
लेयरिंग विधि
1. बडिंग विधि : इस विधि से कीवी की पौध तैयार करना सबसे उचित रहता है। इस विधि में कीवी के फल से बीजों को निकाल लें और उन्हें साफ करके अच्छी तरह से सुखा लें। सुखाने के एक सप्ताह बाद बीज की बुवाई करें। नर्सरी तैयार करते हुए ध्यान रखें कि बुवाई के बाद एक सप्ताह के लिए इस पर सीधी धूप ना पड़े, इसलिए इसे अंदर ही रखें। इसके बाद क्यारियों पर मल्चिंग कर दें और जुलाई तक पौध पर छाया रहने दें। जब पौधे में 4 से 5 पत्ते आ जाए तो रोपाई का काम करें, मई या जून महीने में इसे नर्सरी में लगाया जा सकता है।
2. ग्राफ्टिंग : ग्राफ्टिंग या कलम विधि से कीवी की पौध तैयार करने के लिए एक साल पुरानी शाखाओं को काट लेना चाहिए। इसमें 2 से 3 कलियां होनी चाहिए। इन शाखाओं की लंबाई 15 से 20 सेमी के मध्य होनी चाहिए। अब 1000 पीपीएम आईबी नाम का रूट ग्रोथ हार्मोन लगाकर मिट्टी में गाड़ दें। याद रहे कि कलम गाड़ऩे के बाद हिलना नहीं चाहिए और इस पर सीधी तेज धूप भी नहीं लगनी चाहिए। कलम विधि से कीवी की पौध जनवरी में तैयार करना चाहिए। कलम विधि से तैयार हुआ पौधा एक साल बाद रोपाई के लिए तैयार हो जाता है।
3. लेयरिंग विधि : कीवी के पौध की एक साल पुरानी शाखा का चुनाव कर उसकी एक इंच छाल चारों तरफ से हटा दे। इसके बाद उसके चारों तरफ अच्छी तरह से मिट्टी बांध दें। इसमें हवा नहीं जानी चाहिए। इसके बाद करीब एक महीन के भीतर इसमें से नस्से निकलने लगेंगे। इसके बाद इस शाखा को मुख्य पौध से काटकर दूसरी जगह लगाना चाहिए। इसको मुख्य पौधे से हटाते समय ध्यान रखें कि शाखा चिरनी नहीं चाहिए, और जहां मिट्टी बांधी थी उसके ठीक नीचे से काटें।